Bajrang Baan Lyrics बजरंग बाण लिरिक्स

दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ चौपाई जय हनुमंत संत हितकारी।सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज बिलंब न कीजै।आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिंधु महिपारा।सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका।मारेहु लात गई सुरलोका॥ जाय बिभीषन को सुख दीन्हा।सीता निरखि परमपद … Read more

Ganesh Aarti Lyrics गणेश आरती लिरिक्स

दोहा जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल।विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ चौपाई जय जय जय गणपति गणराजू।मंगल भरण करण शुभः काजू॥ जै गजबदन सदन सुखदाता।विश्व विनायका बुद्धि विधाता॥ वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना।तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥ राजत मणि मुक्तन उर माला।स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला॥ पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं।मोदक भोग सुगन्धित … Read more

Shiv Aarti Lyrics शिव आरती लिरिक्स

ॐ जय शिव ओंकारा स्वामी जय शिव ओंकारा ।ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे ।त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥ अक्षमाला बनमाला … Read more

Ram Raksha Stotra Lyrics राम रक्षा स्तोत्र लिरिक्स

विनियोग अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः। श्री सीतारामचंद्रो देवता। अनुष्टुप्‌ छंदः।सीता शक्तिः। श्रीमान हनुमान्‌ कीलकम्‌। श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्रजपे विनियोगः।। ।।अथ ध्यानम्‌:।। ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधनुषं बद्धपद्मासनस्थं पीतं वासो वसानं नवकमलदलस्पर्धिनेत्रं प्रसन्नम्‌। वामांकारूढसीतामुखकमलमिलल्लोचनं नीरदाभं नानालंकार दीप्तं दधतमुरुजटामंडलं रामचंद्रम।। चरितं रघुनाथस्य शतकोटिप्रविस्तरम्‌।एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनम्॥ ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीवलोचनम्‌।जानकीलक्ष्मणोपेतं जटामुकुटमंडितम्‌॥ सासितूणधनुर्बाणपाणिं नक्तंचरांतकम्‌।स्वलीलया जगत्त्रातुमाविर्भूतमजं विभुम्‌॥ रामरक्षां पठेत्प्राज्ञः पापघ्नीं सर्वकामदाम्‌।शिरो मे राघवः पातु … Read more

Aditya Hridaya Stotra Lyrics आदित्य हृदय स्तोत्र लिरिक्स

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्‌।रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम्‌।। दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्‌।उपगम्याब्रवीद् राममगस्त्यो भगवांस्तदा।। राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्मं सनातनम्‌।येन सर्वानरीन्‌ वत्स समरे विजयिष्यसे।। आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम्‌।जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम्‌।। सर्वमंगलमागल्यं सर्वपापप्रणाशनम्‌।चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वर्धनमुत्तमम्‌।। रश्मिमन्तं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम्‌।पुजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम्‌।। सर्वदेवात्मको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावन:।एष देवासुरगणांल्लोकान्‌ पाति गभस्तिभि:।। एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिव: स्कन्द: प्रजापति:।महेन्द्रो धनद: … Read more

Khatu Shyam Chalisa Lyrics खाटू श्याम चालीसा लिरिक्स

दोहा श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद।श्याम चालीसा बणत है, रच चौपाई छंद॥ चालीसा श्याम-श्याम भजि बारंबारा।सहज ही हो भवसागर पारा॥ इन सम देव न दूजा कोई।दिन दयालु न दाता होई॥ भीम सुपुत्र अहिलावाती जाया।कही भीम का पौत्र कहलाया॥ यह सब कथा कही कल्पांतर।तनिक न मानो इसमें अंतर॥ बर्बरीक विष्णु अवतारा।भक्तन हेतु मनुज तन … Read more

Krishna Chalisa Lyrics कृष्णा चालीसा लिरिक्स

दोहा बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम। अरुणअधरजनु बिम्बफल, नयनकमलअभिराम॥ पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज।जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज॥ चालीसा जय यदुनंदन जय जगवंदन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥ जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥ जय नट-नागर, नाग नथइया॥कृष्ण कन्हइया धेनु चरइया॥ पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन … Read more

Shani Chalisa Lyrics शनि चालीसा लिरिक्स

दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥ चालीसा जयति जयति शनिदेव दयाला।करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥ चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥ परम विशाल मनोहर भाला।टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥ … Read more

Shiv Chalisa Lyrics शिव चालीसा लिरिक्स

दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान ।कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान ॥ चौपाई जय गिरिजा पति दीन दयाला ।सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ मैना … Read more

Durga Chalisa Lyrics दुर्गा चालीसा लिरिक्स

नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।तिहूं लोक फैली उजियारी ॥शशि ललाट मुख महाविशाला ।नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥ रूप मातु को अधिक सुहावे ।दरश करत जन अति सुख पावे ॥ तुम संसार शक्ति लै कीना ।पालन हेतु अन्न धन दीना ॥ अन्नपूर्णा हुई जग पाला … Read more